World Economic Forum Report Claimed India Ranks 129th On Global Gender Gap Index, Iceland On Top – Amar Ujala Hindi News Live



वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम
– फोटो : एएनआई

विस्तार


वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की ओर से लैंगिक समानता पर ताजा रिपोर्ट जारी की गई है। इसके मुताबिक, माध्यमिक शिक्षा में नामांकन के मामले में भारत ने सुधार किया है। वहीं, राजनीतिक सशक्तीकरण के मामले में भारत विश्व स्तर पर 65वें स्थान पर रहा। हालांकि, लैंगिक समानता के मामले में भारत की रैंकिंग में इस बार कुछ खास सुधार देखने को नहीं मिला। दुनियाभर के 146 देशों में भारत की रैंकिंग इसमें 129 है। जबकि पिछले साल यह 125वें नंबर पर था। 

दो स्थान पीछे फिसला

डब्ल्यूईएफ की इस ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि लैंगिक समानता के मामले में भारत दो स्थान फिसलकर 129वें स्थान पर आ गया है, जबकि दुनियाभर के देशों में सबसे बेहतर प्रदर्शन आइसलैंड का रहा है। लैंगिक समानता के मामले में पड़ोसी मुल्क नेपाल, भूटान, श्रीलंका और बांग्लादेश की रैंकिंग भारत से काफी बेहतर है। दक्षिण एशिया के अंदर भारत इन देशों के बाद पांचवे स्थान पर था, जबकि पाकिस्तान अंतिम स्थान पर था।

वहीं इस इंडेक्स में पाकिस्तान को 145वीं रैंक पर रखा गया है। जबकि सूडान 146 देशों की सूची में सबसे अंतिम स्थान पर है। भारत बांग्लादेश, सूडान, ईरान, पाकिस्तान और मोरक्को के साथ सबसे कम आर्थिक समानता वाले देशों में शामिल है। इन सभी देशों में अनुमानित आय में लैंगिक समानता 30 प्रतिशत से कम दर्ज की गई।

इन मामलों में सुधार

हालांकि, माध्यमिक शिक्षा में नामांकन के मामले में भारत ने सबसे अच्छी लैंगिक समानता दिखाई है। वहीं, राजनीतिक सशक्तीकरण के मामले में भारत विश्व स्तर पर 65वें स्थान पर रहा। पिछले 50 वर्षों में महिला/पुरुष राष्ट्राध्यक्षों की संख्या में समानता के संबंध में भारत 10वें स्थान पर है।

64.1 प्रतिशत तक लैंगिक असमानता खत्म

140 करोड़ से अधिक की आबादी के साथ भारत ने इस साल लैंगिक असमानता को 64.1 प्रतिशत तक कम कर दिया है। हालांकि यह पिछले साल से खराब है क्योंकि शिक्षा और राजनीतिक के क्षेत्रों में यह कमी दर्ज की गई। हालांकि, ‘आर्थिक भागीदारी’ और मौके मिलने के मामले में थोड़ा सुधार हुआ है।

डब्ल्यूईएफ का कहना है कि भारत का आर्थिक समानता स्कोर पिछले चार वर्षों में ऊपर की ओर बढ़ा है। राजनीतिक सशक्तीकरण उपसूचकांक में, भारत राष्ट्राध्यक्ष सूचकांक में शीर्ष 10 में है, लेकिन संघीय स्तर पर, मंत्रिस्तरीय पदों पर (6.9 प्रतिशत) और संसद में (17.2 प्रतिशत) महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए इसके अंक अपेक्षाकृत कम हैं। 

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने कहा कि विश्व ने लैंगिक असमानता को 68.5 प्रतिशत तक कम कर दिया है, लेकिन वर्तमान गति से पूर्ण लैंगिक समानता प्राप्त करने में 134 वर्ष का समय लगेगा।







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