कोलकाता ट्रैफिक पुलिस (सांकेतिक तस्वीर)
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पश्चिम बंगाल के मोबाइल चोरों के खिलाफ जनका ते आक्रोश के बीच कोलकाता के एक ट्रैफिक गार्ड ने एक व्यक्ति को भीड़ द्वारा पीटे जाने से बचाया। दरअसल, भीड़ ने व्यक्ति को मोबाइल चोर समझकर पीटना शुरी कर दिया था। बुधवार को एक अधिकारी ने इस घटना की जानकारी दी। जब भीड़ बेल्ट और जूतों से एक व्यक्ति को पीट रही थी, तब टैफिक कॉन्स्टेबल स्वप्न मजूमदार ने हस्तक्षेप करते हुए पीड़ित को बचाया। यह घटना एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास मंगलवार की शाम को घटी।
ट्रैफिक कॉन्स्टेबल मजूमदार को भी धक्का दिया गया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने मदद के लिए और पुलिसकर्मियों को बुलाया। घटना की जानकारी पाकर मौके पर पुलिसकर्मी पहुंचे और दोनों को बचा लिया गया। एक अधिकारी ने बताया कि भीड़ ने गलती से पीड़ित को मोबाइल चोर समझकर उसे पीटने लगे। घटना को देख रहे अन्य लोगों ने भी व्यक्ति को मारना शुरू किया। इस घटना के दौरान स्वप्न मजूमदार वहीं पास में ड्यूटी पर मौजूद थे। वह तुरंत व्यक्ति को बचाने के लिए भागे।
बता दें कि 28 जून को कोलकाता के बऊबाजार इलाके में छात्रों के लिए एक सरकारी होस्टल में मोबाइल फोन चोरी के संदेह में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। पीड़ित की पहचान 37 वर्षीय इरशाद आलम के तौर पर की गई है। इस घटना के एक दिन बार लॉल्ट लेक इलाके में एक व्यक्ति को मोबाइल चोरी के आरोप में एक व्यक्ति की भी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।