कर्नाटक विधानसभा में लगातार दूसरे दिन मंगलवार को महर्षि वाल्मिकी जनजातीय विकास निगम में हुए कथित घोटाले के मुद्दे पर हंगामा हुआ। नेता विपक्ष आर अशोक ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस्तीफा देने की मांग की। भाजपा नेता आर अशोक ने वाल्मिकी निगम में लूट के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने निगम के अधिकारी (जिससे घोटाला सामने आया) की हत्या का सरकार पर आरोप लगाया। साथ ही सरकार की ओर से मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए।
नेता विपक्ष आर अशोक ने कहा कि एसटी समुदाय के लिए कल्याण के लिए आए 187 करोड़ रुपये लूटकर तेलंगाना ले जाए गए और लोगों को इसका लाभ नहीं मिला। यह रकम कौन वापस देगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को एसटी समुदाय के लाभार्थियों को यह पैसा देना चाहिए। एसटी समुदाय के कल्याण के लिए आए रुपयों पर कुछ लोगों ने मौज की। इस रकम को फोन पे, गूगल पे और आरटीजीएस के जरिये लूटा गया।
उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत 187 करोड़ रुपये जारी करने चाहिए। साथ ही इस वित्तीय अनियमितता की जांच सीबीआई और ईडी से कराई जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के प्रभार वाले वित्त विभाग की जानकारी के बिना इतना बड़ा घोटाला होना संभव नहीं है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए सीएम को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने सरकार को अपराधी करार दिया। इसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों और मंत्रियों ने कड़ी आपत्ति जताई। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी देर तक नोकझोंक भी हुई।
नेता विपक्ष आर अशोक यहीं नही रुके उन्होंने कहा कि निगम के दिवंगत अधिकारी चंद्रशेखर की पत्नी न्याय के लिए लड़ रही हैं। 187 करोड़ का घोटाले में बदनामी के डर से निर्दोष चंद्रशेखर ने जान दे दी। अगर उन्होंने आत्महत्या न की होती तो पूरे 187 करोड़ रुपये तेलंगाना को खटा-खट हो गए होते। नेता विपक्ष ने कहा कि सीएम ने माना है कि वित्तीय अनियमितता हुई है। इसलिए घोटाले से अनजान होने का दावा करते हुए न तो सिद्धारमैया और न ही सरकार जिम्मेदारी से बच सकती है। अशोक ने एसआईटी जांच पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि घोटाला सामने आने के 40 दिन बाद भी एसआईटी ने नागेंद्र, कांग्रेस विधायक और निगम के अध्यक्ष बसनगौड़ा दद्दल को नोटिस जारी नहीं किया।
सीएम सिद्धारमैया पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक सुरेश कुमार ने तंज कसा कि कर्नाटक में दो चीजें हैं। एक एसआईटी- विशेष जांच दल और दूसरी एसएसआईटी सिद्धारमैया शिवकुमार जांच टीम। इस पर विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई।
अब त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं की
नेता विपक्ष आर अशोक ने कहा कि जद एस सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ लगे यौन शोषण के आरोपों की जांच में एसआईटी ने त्वरित कार्रवाई की। उनके पिता और विधायक एचडी रेवन्ना, मां भवानी रेवन्ना और भाजपा विधायक प्रथम गौड़ा से तत्काल पूछताछ की गई। लेकिन लगता है कि वित्तीय अनियमितता के इस मामले को ढकने के लिए एसआईटी बनाई गई है।
यह था मामला
कर्नाटक की महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम में लेखा विभाग के अधीक्षक चंद्रशेखर पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा था। इसके बाद निगम में बड़ा घोटाला सामने आया। नोट में निगम के खाते से 187 करोड़ रुपये अवैध तरीके से ट्रांसफर किए गए। इसमें से 88.62 करोड़ रुपये आईटी कंपनी और हैदराबाद की एक सहकारी बैंक में अवैध रूप से भेजे गए। घोटाले का आरोप लगने के बाद अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बी नागेंद्र ने छह जून को इस्तीफा दे दिया था। मौजूदा समय में वे ईडी की हिरासत में हैं।