Three More Bodies, Body Parts Found, Airlifted In Landslides-hit Wayanad – Amar Ujala Hindi News Live



वायनाड में भूस्खलन
– फोटो : पीटीआई

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केरल के वायनाड में भूस्खलन के कारण आयी तबाही से प्रभावित क्षेत्रों का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दौरा किया है और पीड़ितों से मुलाकात भी की है। वहीं आज भूस्खलन वाली जगह से कुछ दूर कंथनपारा जलप्रपात के पास भूस्खलन के कारण लापता हुए लोगों के तीन और शव और दो अंग मिले हैं। जिन्हें शनिवार को हवाई मार्ग से मेप्पाडी तालुक अस्पताल ले जाया गया।

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200 से ज्यादा अंग किए गए बरामद

इसके साथ ही कई स्थानों से अब तक बरामद किए गए शवों और पीड़ितों के अंगों की कुल संख्या 300 से ज्यादा और 198 हो गई है। जानकारी के मुताबिक जलप्रपात के पास अनायादिक्कप्पु से हेलीकॉप्टर की सहायता से लाशों को हवाई मार्ग से लाया गया और सुबह अस्पताल लाया गया। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि शवों को दुर्गम इलाकों समेत कई चुनौतियों का सामना करते हुए हवाई मार्ग से लाया गया और विपरीत परिस्थितियों के कारण हेलीकॉप्टर को दो बार वापस आना पड़ा।

लोगों के पुनर्वास के लिए एक पैनल की गई गठित

मामले में अधिकारियों ने बताया कि बाद में कंथनपारा से लापता हुए लोगों के दो शव भी बरामद किए गए। इस बीच, शनिवार को हुई कैबिनेट उपसमिति ने कई राहत शिविरों में रह रहे लोगों के पुनर्वास प्रक्रिया का मूल्यांकन करने के लिए जिला कलेक्टर डीआर मेघश्री की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया है। टीम में एलएसजीडी के संयुक्त निदेशक, एक डिप्टी कलेक्टर, पीडब्ल्यूडी के एक इंजीनियर और व्याथिरी तहसीलदार शामिल हैं।

अस्थायी पुनर्वास के लिए घरों की गई पहचान

राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अस्थायी पुनर्वास के लिए एलएसजीडी ने 41 इमारतों की पहचान की है, जबकि पीडब्ल्यूडी ने 24 इमारतों की पहचान की है। ये 65 इमारतें तैयार हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है, कि इनके अलावा, 34 अन्य इमारतों की भी अस्थायी पुनर्वास के लिए पहचान की गई है, जिनका इस्तेमाल मामूली मरम्मत कार्यों के बाद किया जा सकता है। जबकि कई स्थानीय स्वशासन संस्थानों ने भी 286 घरों की पहचान की है, जिनका इस्तेमाल जिले में बचे लोगों को रहने के लिए किराए के मकान के तौर पर किया जा सकता है।

वायनाड जिले में 30 जुलाई को आए भूस्खलन में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और कई लोग लापता भी हैं, जिसे दक्षिणी राज्य को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है।







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