Territories East Of Mahakali River Including Kalapani Belongs To Nepal, Says Pm Prachanda – Amar Ujala Hindi News Live



नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’
– फोटो : ANI

विस्तार


नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने एक बार फिर भारत के क्षेत्रों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपु पास सहित महाकाली नदी के पूर्व के सभी क्षेत्र नेपाल के हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में नेपाल सरकार स्पष्ट है।  नेपाल की प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) में सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए प्रचंड ने यह टिप्पणी की। उन्होंने 1816 में नेपाल और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुई सुगौली संधि का जिक्र करते हुए कहा कि ये सभी क्षेत्र नेपाल के हैं। 

पुष्प कमल दहल प्रचंड ने क्या कहा?

प्रचंड के अनुसार इसे लेकर नेपाल का एक राजनीतिक मानचित्र भी प्रकाशित किया गया है, जिसमें इन क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। नेपाल के पीएम ने कहा कि उन्होंने भारत यात्रा के दौरान भारत के प्रधानमंत्री के साथ बैठक की। इस दौरान भारत-नेपाल शांति संधि सहित मौजूदा संधियों और समझौतों को संशोधित करने पर सहमति बनी। उन्होंने आगे कहा कि भारत यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सभी मुद्दों का हल निकालने का अनुरोध किया था। इसमें सीमा से संबंधित मुद्दे भी शामिल हैं। प्रचंड के अनुसार भारत के प्रधानमंत्री ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। 

प्रचंड ने बताया कि इस मामले में नेपाल की ओर से भारत को एक पत्र भेजा गया है। पत्र में भारत-नेपाल सीमा से संबंधित सीमा कार्य समूह (Border Working Group) की सातवीं बैठक आयोजित करने की बात लिखी गई है। बैठक में भारत-नेपाल सीमाओं में बाकी बचे कार्यों को खत्म करने पर चर्चा की जाएगी। 

भारत-नेपाल के बीच इस मुद्दे पर तनातनी 

नेपाल ने मई 2020 में अपना नया राजनीतिक मानचित्र पेश किया था। इस मानचित्र में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा क्षेत्रों को नेपाल में दिखाया गया था। संसद ने सर्वसम्मति से इसका समर्थन किया था। उस दौरान भारत ने नैपाल की इस हरकत का कड़ा विरोध किया था। भारत ने इसे एक तरफा लिया हुआ फैसला करार दिया था। भारत ने चेतावनी दी थी कि नेपाल जिस तरह से क्षेत्रीय दावों का विस्तार कर रहा है, यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है। भारत का कहना है कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा उसके क्षेत्र हैं। भारत के विरोध के बाद भी नेपाल ने अपने पुराने मानचित्र को बदलकर नए मानचित्र का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था।







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