असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा
– फोटो : एएनआई (फाइल)
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बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार के बाल विवाह विरोधी अभियान के चलते पिछले दो वर्षों में राज्य में किशोरियों में गर्भधारण में 64 फीसदी की गिरावट आई। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को यह दावा किया।
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि एक राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ने हाल ही में राज्य में किशोरियों में गर्भधारण के मामलों का आकलन किया। संगठन ने बाल विवाह के खिलाफ कड़े कानूनों की उपयोगिता पर असम के 3,000 गांवों का सर्वेक्षण किया। जिसमें यह प्रवृत्ति देखी गई।
उन्होंने एक्स पर कहा, बाल विवाह के खिलाफ हमारा मिशन न केवल सामाजिक बदलाव ला रहा है, बल्कि हमारी बेटियों के लिए एक स्वस्थ जिंदगी को भी सक्षम बना रहा है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अप्रैल 2022 में असम में किशोर गर्भावस्था के मामलों की संख्या 9330 थी, जो जून 2024 में घटकर 3401 हो गई। उन्होंने कहा कि हमारा मिशन आने वाले दिनों में निर्बाध जारी रहेगा।
सरमा ने बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए खहा कि आंकड़े एक ऐसे गैर सरकारी संगठन ने उपलब्ध कराए हैं, जिसने स्वतंत्र रूप से सर्वेक्षण किया है। उन्होंने कहा, एक बड़े राष्ट्रीय एनजीओ ने असम के तीन हजार गांवों में बाल विवाह की स्थिति की जांच की। देश में एक बड़ी बहस चल रही है कि क्या कड़े कानून के जरिए बाल विवाह रोका जा सकता है या इसका उल्टा असर होता है। सर्वेक्षण का हवाला देते हुए उन्होंने आगे कहा कि यह पाया गया कि 81 फीसदी लोग बाल विवाह के खिलाफ सख्त कदमों का समर्थन करते हैं।