Supreme court
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सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर में अब तक घर का कब्जा नहीं पाने वाले खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए बैंकों को उनके खिलाफ किस्त भुगतान में देरी या चेक बाउंस होने पर कार्रवाई से रोक दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि बैंक, वित्तीय संस्थाएं या बिल्डर की ओर से ऐसे किसी भी घर खरीदार के खिलाफ मुकदमे पर विचार नहीं किया जाएगा।
अदालत दिल्ली हाईकोर्ट के 14 मार्च, 2023 के उस आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कई घर खरीदारों की याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। खरीदारों ने बैंकों व वित्तीय संस्थानों को निर्देश देने की मांग की थी कि वे उनके फ्लैटों का कब्जा दिए जाने तक ईएमआई न लें। खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जहां उनकी अपील मंजूर कर ली गई। कोर्ट ने संबंधित पक्षकारों से जवाब मांगा है। जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने 15 जुलाई को केंद्र, बैंकों व अन्य को नोटिस जारी किया। इस बीच, सभी मामलों में अंतरिम रोक रहेगी।
अंतिम मौका : दो सप्ताह में जवाबी हलफनामा दें बैंक
पीठ ने कहा, अधिकांश वित्तीय संस्थानों, बैंकों ने जवाबी हलफनामे दाखिल कर दिए हैं। जिन्होंने नहीं किए हैं, उन्हें दो सप्ताह का अंतिम मौका दिया जाता है। इस मामले में अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी। घर खरीदारों ने शीर्ष कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा कि वे आरबीआई के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए बैंक की ओर से सीधे बिल्डर के खाते में ऋण के अवैध वितरण के शिकार हैं। हाईकोर्ट ने इस आधार पर रिट याचिकाओं पर विचार से मना कर दिया था कि याचिकाकर्ताओं के पास उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, दिवाला व दिवालियापन संहिता और रियल एस्टेट विनियमन व विकास अधिनियम जैसे कानूनों के तहत वैकल्पिक उपाय हैं।