Soldiers Don’t Die, They Live On In People’s Hearts: Mother Of Gallantry Awardee Officer – Amar Ujala Hindi News Live – Martyrdom:शहीद सैन्य अधिकारी की मां ने कहा

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मेजर मुस्तफा बोहरा की मां फातिमा बोहरा को राष्ट्रपति मुर्मू ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया
– फोटो : PTI

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‘सैनिक मरते नहीं हैं, बल्कि वो लोगों के दिलों में एक और जीवन जीते हैं’, यह बात मेजर मुस्तफा बोहरा की मां फातिमा बोहरा ने कही है, जिनके बेटे ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया,अद्भुत साहस के लिए उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र मिला है। 

अशोक चक्र और कीर्ति चक्र के बाद शौर्य चक्र भारत का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है।

राष्ट्रपति ने वीरता के लिए 10 कीर्ति चक्र और 26 शौय चक्र दिए

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को ड्यूटी के दौरान अद्म्य साहस और असाधारण वीरता प्रदर्शित करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के सैनिकों को सात मरणोपरांत सहित 10 कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। 

सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को सात मरणोपरांत सहित 26 शौर्य चक्र भी प्रदान किए।

राष्ट्रपति भवन ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 252 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन के मेजर मुस्तफा बोहारा को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया। अक्टूबर 2022 में उन्होंने राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया और शौर्य का प्रदर्शन किया। उन्होंने असाधारण साहस दिखाते हुए जिस हेलीकॉप्टर में आग लगी थी, उसे आबादी वाले क्षेत्र से दूर ले जाकर अपना कौशल दिखाया।”

वहीं रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी रविवार को  ‘एक्स’ पर वीडिया पोस्ट करते हुए लिखा, “बोहरा समुदाय से ताल्लुक रखने वाली फातिमा बोहरा ने अपने बेटे और उनके राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के दिनों की यादें साझा की हैं।

फातिमा बोहरा ने कहा है कि जब बेटे ने एनडीए में पहला कदम रखा, तो उनका संकल्प देश की सेवा करने का था। भौतिक संपत्ति उतनी मायने नहीं रखती, जितनी सम्मान रखती है।”

साझा की गई वीडियो क्लिप में भावुक फातिमा ने याद किया कि कैसे उनका बेटा अक्सर अपने वरिष्ठों से मिले समर्थन के बारे में उनसे फोन कॉल और पत्रों के जरिए बात करता था। 

मेजर बोहरा के माता-पिता ने अलंकरण समारोह के दौरान का शौर्य चक्र ग्रहण किया।

 







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