आपातकाल लागू किए जाने की तारीख 25 जून को हर वर्ष संविधान हत्या दिवस के रूप में मानने के केंद्र सरकार के फैसले को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नकारात्मक राजनीति का हिस्सा बताया। भाजपा पर तीखा हमला करते हुए प्रियंका ने कहा, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि जिन लोगों ने संविधान का विरोध किया और इसे खत्म करने का आह्वान किया, वे ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने की नकारात्मक राजनीति में लिप्त होंगे।
गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा पर पलटवार करते हुए प्रियंका ने सोशल मीडिया पर लिखा, भारत की महान जनता ने ऐतिहासिक लड़ाई लड़कर स्वतंत्रता और अपना संविधान हासिल किया है। जिन्होंने संविधान बनाया, जिनकी संविधान में आस्था है, वही संविधान की रक्षा करेंगे। जिन लोगों ने संविधान के क्रियान्वयन का विरोध किया, संविधान की समीक्षा के लिए आयोग बनाया, संविधान को खत्म करने की बात कही, अपने निर्णयों और कार्यों से संविधान और लोकतंत्र की आत्मा पर बार-बार हमला किया, वे लोग संविधान हत्या दिवस मनाने की नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं। इसमें आश्चर्य की क्या बात है?
राजग सरकार के ‘संविधान हत्या दिवस’ की घोषणा के जवाब में कांग्रेस ने कहा कि 4 जून इतिहास में ‘मोदी मुक्ति दिवस’ के रूप में दर्ज होगा। 4 जून को आए लोकसभा नतीजों में भाजपा को 240 सीटें मिलीं, जो 272 के बहुमत के आंकड़े से कम है। हालांकि, पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 293 सीटों के साथ लगातार तीसरी बार जनादेश हासिल किया।
अपनी जनविरोधी नीतियों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही भाजपा: कुणाल घोष
तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा अपनी जनविरोधी नीतियों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। इंदिरा गांधी की आलोचना की गई है। वे एक बार हार गईं और वह प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में वापस आईं। इसलिए वह अध्याय इतिहास का सिर्फ एक पन्ना था और वर्षों बाद, भाजपा अपनी जनविरोधी नीतियों, आपदाओं और देश की खराब स्थिति से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। वे यह पुराना कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं।
अटल ने भी लगाया होता आपातकाल: संजय राउत
शिवसेना यूबीटी नेता व राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, अगर ऐसी ही स्थिति में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री होते तो वे भी आपातकाल लगा देते। शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने आपातकाल का खुलकर समर्थन किया था। राउत ने कहा कि आपातकाल इसलिए लगाया गया क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला था। रामलीला मैदान से खुला ऐलान किया गया, हमारे जवानों और सेना को कहा गया कि सरकार के आदेश का पालन न करें। तो ऐसी स्थिति में अगर अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री होते तो वे भी आपातकाल लगाते। कुछ लोग देश में बम बना रहे थे और जगह-जगह बम फोड़ रहे थे। राउत ने कहा, अमित शाह को आपातकाल के बारे में कुछ नहीं पता। नकली शिवसेना (शिंदे) के साथ बाला साहब ठाकरे की तारीफ करने वालों ने आपातकाल का समर्थन किया है। बाला साहब ठाकरे ने उस समय आपातकाल का खुलकर समर्थन किया था। आरएसएस ने भी इसका समर्थन किया था।
भावी पीढ़ी को पता चलना चाहिए कैसे इंदिरा गांधी ने संंविधान खत्म किया: अर्जुन मेघवाल
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संविधान हत्या दिवस मनाने के फैसले को जरूरी बताते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ी को पता होना चाहिए कि एक समय ऐसा भी था जब कांग्रेस और उसकी नेता इंदिरा गांधी ने संविधान को खत्म कर दिया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 25 जून 1975 को देश पर आपातकाल लगाकर एक तरह से लोकतंत्र की हत्या हुई थी। बिना किसी सुनवाई के लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया था और प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई थी। आने वाली पीढ़ी को इस सब के बारे में पता चलना चाहिए। इसलिए 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसमें क्या गलत है? केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि बीते 10 सालों में क्या किसी को बिना सुनवाई के जेल भेजा गया है।
कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोपने के लिए कभी माफी नहीं मांगी: गौरव
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं ने देश पर आपातकाल थोपने के लिए कभी माफी नहीं मांगी। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का आपातकाल लगाना सबसे काला दिन था। राजग सरकार ने बहुत महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इसका कारण बहुत सरल है, इतिहास के पन्नों में सबसे काला दिन और युग दिवंगत इंदिरा गांधी का आपातकाल लगाना रहा है। मौजूदा पीढ़ी इस तथ्य से वाकिफ है और हमने इससे सबक सीखा है। आने वाली पीढि़यों को भी इसके बारे में पता चलना चाहिए।
क्या जयप्रकाश नारायण का आंदोलन आरजकता था: सुधांशु त्रिवेदी
भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या कार्यकर्ता और नेता जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में आंदोलन अराजकता था। उन्होंने कहा, मैं लालू प्रसाद यादव और अखिलेश यादव से पूछना चाहता हूं कि क्या उनके पिता मुलायम सिंह अराजकता का हिस्सा थे? त्रिवेदी ने कहा, भारत के इतिहास में इंदिरा गांधी एकमात्र ऐसी व्यक्ति थीं जिन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चुनावी कदाचार और चुनावी भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया था। उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तो उनकी सदस्यता बरकरार रखी गई, लेकिन वे सांसद के रूप में काम नहीं कर सकीं। वे छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकीं, लोकसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकीं और वोट भी नहीं दे सकीं। यह वह समय था जब उन्होंने आपातकाल लगा दिया… अब कोई भी अदालत प्रधानमंत्री पर टिप्पणी या सवाल नहीं कर सकती।
आपातकाल में आप लोगों को परेशान किया गया: एचडी कुमारस्वामी
केंद्रीय मंत्री व जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी के शासन में आम लोगों को परेशान किया गया था। उसी के आधार पर मौजूदा सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।