Rajkot: Two Municipal Workers Arrested In Game Zone Fire Incident, Accused Of Tampering With Documents – Amar Ujala Hindi News Live



राजकोट के गेम जोन में लगी आग
– फोटो : pti

विस्तार


राजकोट के गेमजोन के अग्निकांड में अब गिरफ्तारी की संख्या 12 हो चुकी है। रविवार को पुलिस ने बताया कि पिछले महीने गेम जोन में आग लगने के बाद दो नगर निगम कर्मी ने दस्तावेजों में हेरफेर की थी। इस आरोप में वे गिरफ्तार हुए हैं।

पिछले महीने 25 मई को राजकोट के गेमजोन में भीषण आग लगी थी, जिसमें 12 बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हुई थी। इस घटना के सिलसिले में छह सरकारी कर्मचारियों सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। शहर की अपराध शाखा ने शनिवार को आरएमसी के सहायक नगर नियोजन अधिकारी राजेश मकवाना और सहायक अभियंता जयदीप चौधरी को आग की घटना के बाद आधिकारिक रजिस्टर में बदलाव करने में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस उपायुक्त (अपराध) पार्थराजसिंह गोहिल ने बताया कि आग की घटना के बाद उन्होंने टीआरपी गेम जोन से संबंधित सरकारी दस्तावेजों में कुछ बदलाव किए। उन्होंने दस्तावेजों में जालसाजी भी की। गोहिल ने बताया कि टीआरपी गेम जोन में आग लगने के सिलसिले में अब तक हमने छह सरकारी कर्मचारियों और छह अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है।

बता दें कि वे चार सरकारी कर्मचारी राजकोट के टाउन प्लानिंग अधिकारी एमडी सागथिया, सहायक टीपीओ मुकेश मकवाना, गौतम जोशी और कलावड़ रोड फायर स्टेशन के पूर्व स्टेशन अधिकारी रोहित विगोरा हैं। बृहस्पतिवार को दुर्घटना के समय से फरार गेम जोन के सह-मालिक अशोकसिंह जडेजा ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। जडेजा टीआरपी गेम जोन के छह मालिकों में से एक हैं। 

गेमजोन के छह में पांच मालिक गिरफ्तार, एक की मौत

गेम जोन के छह मालिक थे। जिसमें से से पांच को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। एक अन्य मालिक जिसे फरार माना जा रहा था, उसकी उसी गेम जोन में जलकर मौत हो गई थी। घटना की जांच के दौरान यह पुष्टि हुई कि गेम जोन के सह-मालिकों में से एक प्रकाश हिरन, जिसका नाम एफआईआर में दर्ज था। वहीं सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से सामने आया कि ग्राउंड फ्लोर पर वेल्डिंग के काम के दौरान थर्माकोल (पॉलीस्ट्रीन) शीट पर चिंगारी गिरने से आग लगी। उस क्षेत्र में मौजूद कर्मचारियों ने आग बुझाने के लिए आग बुझाने वाले यंत्रों का इस्तेमाल किया। कर्मचारियों की कोशिश के बाद आग बुझ न सकी, बल्कि तेजी से फैल गई। आग बढ़कर गेम जोन तक पहुंच गई, उसने वहां के कर्मचारियों और वहां मौजूद लोगों को अपनी चपेट में ले लिया।

बिना अग्निशमन विभाग की एनओसी के संचालित हो रहा था गेमजोन 

पुलिस के अनुसार, खेल क्षेत्र को आरएमसी के अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बिना संचालित किया जा रहा था। राजकोट की घटना के बाद, राज्य भर में कई खेल क्षेत्रों और अन्य मनोरंजन केंद्रों को सील कर दिया गया और मालिकों के खिलाफ बिना किसी अनुमति के ऐसी सुविधाएं चलाने के लिए एफआईआर भी दर्ज की गई।







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