Puri Rath Yatra Stampede Like Situation Many People Injured – Amar Ujala Hindi News Live

Puri Rath Yatra Stampede Like Situation Many People Injured – Amar Ujala Hindi News Live



पुरी रथ यात्रा 2024
– फोटो : एएनआई

विस्तार


ओडिशा के पुरी में रथ यात्रा के दौरान रविवार को रथ खींचते समय भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। घटना में कई श्रद्धालुओं के घायल होने की सूचना है। घायलों में से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। फिलहाल सभी का पुरी जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घटना में एक बुजुर्ग की मौत भी हुई है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रथयात्रा के दौरान श्रद्धालु की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। उसके परिवार को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

एक अधिकारी के मुताबिक, जैसे ही भगवान बलभद्र का रथ थोड़ा आगे बढ़ा, वैसे ही सुरक्षा घेरे के बाहर अचानक भीड़ बढ़ गई। भीड़ बढ़ने के चलते कई लोग नीचे गिर गए। घायलों को तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, घटना में एक बुजुर्ग की मौत भी हो गई है। पुलिस ने बुजुर्ग को नीचे गिरा देख तुरंत एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया। वहीं, एंबुलेंस में भी उसे पीसीआर दिया गया। डॉक्टरों ने भी बुजुर्ग को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन बाद में उसे मृत घोषित कर दिया। एंबुलेंस में काम करने वाले स्वयंसेवक के मुताबिक, मृतक के मोबाइल पर आए कॉल से पता चला है कि वह बलांगीर जिले का रहने वाला था। प्रशासन ने उसकी पहचान सेंटाला निवासी ललित बागर्ती के रूप में की है। प्रशासन ने पीड़ित की पहचान बलांगीर जिले के सेंटाला के ललित बागर्ती के रूप में की है। 

रथ यात्रा के दौरान भारी भीड़ के चलते बनी उमस जैसी स्थिति

सूत्रों की मानें तो रथ यात्रा के दौरान भारी भीड़ के चलते उमस जैसी स्थिति बन गई। शाम तक उमस के चलते भगदड़ जैसी स्थिति बनी, जिसके बाद करीब 300 से अधिक लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग, मुख्य सचिव मनोज आहूजा और स्वास्थ्य सचिव शालिनी पंडित ने भी अस्पतालों का दौरा किया। इलाज करा रहे घायल व्यक्तियों की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी ली। इधर, थोड़ी दूरी तक घूमने के बाद रथों को खींचना बंद कर दिया गया। सोमवार को फिर से रथ यात्रा को शुरू किया जाएगा। 

पुरी में लाखों लोग रथयात्रा के गवाह बने

रथ यात्रा उत्सव शुरू होने के साथ ही लाखों लोगों ने पुरी में 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से लगभग 2.5 किमी दूर गुंडिचा मंदिर की ओर विशाल रथों को खींचा। पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती द्वारा अपने शिष्यों के साथ भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों के दर्शन करने और पुरी के राजा द्वारा ‘छेरा पाहनरा’ (रथ साफ करने) की रस्म पूरी करने के बाद शाम करीब 5.20 बजे यात्रा शुरू हुई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों रथों की परिक्रमा की और देवताओं को प्रणाम किया।

समय पर पूरे हुए सभी अनुष्ठान: मुख्य सचिव

राष्ट्रपति मुर्मू, राज्यपाल रघुबर दास, मुख्यमंत्री माझी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भगवान जगन्नाथ के रथ नंदीघोष की रस्सियों को खींचकर ‘यात्रा’ की शुरुआत की। विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने भी सहोदर देवताओं के दर्शन किए। मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने कहा, भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से रविवार को सभी अनुष्ठान समय पर पूरे हो गए। उत्सव देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्त शहर पहुंचे हैं और मौसम की स्थिति भी अनुकूल बनी।

पुरी मंदिर के सिंह द्वार पर गूंजे जय जगन्नाथ के नारे

मुख्य सचिव के अनुसार, दोपहर 2.15 बजे तीन घंटे की ‘पहांडी’ रस्म पूरी होने के बाद देवता अपने-अपने रथों पर चढ़ गए। जब भगवान सुदर्शन को सबसे पहले देवी सुभद्रा के रथ दर्पदलन तक ले जाया गया तो पुरी मंदिर के सिंह द्वार पर ‘जय जगन्नाथ’ के नारे, घंट-घड़ियाल, शंख और झांझ की आवाजें हवा में गूंज उठीं। भगवान सुदर्शन के बाद, भगवान बलभद्र को उनके तालध्वज रथ पर ले जाया गया। भगवान जगन्नाथ और भगवान बलभद्र की बहन देवी सुभद्रा को सेवकों द्वारा एक विशेष जुलूस में उनके दर्पदलन रथ पर लाया गया।







Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
How May I Help You.
Scan the code
Vishwakarma Guru Construction
Hello Sir/Ma'am, Please Share Your Query.
Call Support: 8002220666
Email: Info@vishwakarmaguru.com


Thanks!!