पुणे पोर्श मामला
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पुणे के पोर्श कार दुर्घटना मामले में किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के दो सदस्यों के आचरण की जांच के लिए गठित समिति ने जमानत आदेश जारी करने में कई प्रक्रियागत खामियां पाई हैं। अपनी रिपोर्ट में समिति ने कहा कि नाबालिग आरोपी को जमानत देते समय गंभीर चूक और गलतियां की गईं। हालांकि, जमानत का आदेश एक सदस्य ने जारी किया था, लेकिन दूसरे सदस्य ने अगले दिन उस पर सहमति दे दी। दोनों सदस्यों की ओर से कदाचार और मानदंडों का पालन नहीं किया गया।
समिति की रिपोर्ट पर विभाग ने भेजा नोटिस
एक अधिकारी ने शनिवार को बताया, पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी) के आयुक्त को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने जेजेबी के दोनों सदस्यों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। बता दें कि पिछले महीने हुए इस हादसे में 17 वर्षीय किशोर ने शराब के नशे में कार से दो बाइक सवार आईटी पेशेवरों की जान ले ली थी। जेजेबी ने घटना के 15 घंटों के भीतर आरोपी किशोर को सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने सहित बहुत ही मामूली शर्तों पर जमानत दे दी थी, जिससे देशभर में हंगामा मच गया था।