Odisha Law Minister Prithviraj Harichandan On Re-opening Of Ratna Bhandar Of Shri Jagannath Temple – Amar Ujala Hindi News Live

Odisha Law Minister Prithviraj Harichandan On Re-opening Of Ratna Bhandar Of Shri Jagannath Temple – Amar Ujala Hindi News Live



रत्न भंडार के बारे में बोलते कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन
– फोटो : एएनआई

विस्तार


ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर का प्रतिष्ठित खजाना ‘रत्न भंडार’ आज खुलेगा। राज्य सरकार आभूषणों और अन्य कीमती सामानों की सूची बनाने के लिए इस खजाने को 46 साल बाद खोल रही है। इससे पहले यह सन् 1978 में खोला गया था। यहां के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बताया कि रत्न भंडार के खुलने के बाद कैसे क्या रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा। साथ ही यह भी बताया कि इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी कौन करेगा। आइए जानते हैं सबकुछ-

इसे सौंपी पूरे काम की निगरानी

मंत्री हरिचंदन ने कहा, ’14 जुलाई यानी आज भगवान जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खुलने जा रहा है। इसके लिए अंतिम मंजूरी मुख्यमंत्री ने दे दी है। राज्य सरकार ने मंदिर प्रबंध समिति के लिए सभी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है और उसी के आधार पर सभी काम किए जाएंगे। खजाने को फिर से खोलने और इन्वेंट्री के लिए प्रत्येक कार्य को पूरा करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रियाएं भी तय की गई हैं। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक को पूरे काम की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।’

पिछली सरकारें जो काम…

उन्होंने आगे कहा, ‘पिछली सरकारें जो 24 साल में काम नहीं कर पाईं वो अब होगा। इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता को रखने के लिए हमने भारतीय रिजर्व बैंक को शामिल करने का अनुरोध किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के एक प्रतिनिधि को इसमें शामिल किया जाएगा।’

हर काम के लिए अलग-अलग टीमें

उन्होंने बताया, ‘हर किसी गतिविधि के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। गहनों की गिनती के बाद हम एक डिजिटल कैटलॉग बनाएंगे, जिसमें तस्वीरें, उनका वजन और गुणवत्ता जैसी अन्य चीजें शामिल होंगी। इन सभी चीजों के साथ एक डिजिटल कैटलॉग बनाया जाएगा। डिजिटल कैटलॉग एक संदर्भ दस्तावेज होगा। जब भी आगे आने वाले दिनों में फिर से गिनती की जाएगी, तो उसमें इसकी मदद ले सकते हैं।’

रत्न भंडार में 12,831 तोले के स्वर्ण आभूषण

इससे पहले, पुरी के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) इस मौके का इस्तेमाल मंदिर की मरम्मत के लिए करेगा। राज्य सरकार की गठित 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने रत्न भंडार को 14 जुलाई को खोलने की सिफारिश की थी। राज्य विधानसभा में 2018 में बताया गया था कि रत्न भंडार में 12,831 तोले के स्वर्ण आभूषण हैं। इनमें कीमती रत्न जड़े हुए हैं और साथ ही 22,153 तोले चांदी के बर्तन और अन्य सामान हैं।

भाजपा ने खजाना खोलने का वादा किया था

भाजपा ने ओडिशा में सत्ता में आने पर 12वीं सदी के मंदिर के खजाने को फिर से खोलने का वादा किया था। मंदिर का खजाना आखिरी बार 46 साल पहले 1978 में खोला गया था। इसे दोबारा खोलना राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा था।

 







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