सांकेतिक तस्वीर।
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भले ही दुनिया में महिलाओं की समानता को लेकर कितनी भी बड़ी-बड़ी बाते की जाती हों लेकिन सच यही है कि अभी भी महिलाओं को पुरुषों के बराबर दर्जा नहीं मिला है। इसकी एक झलक सत्ता के गलियारों में भी देखी जा सकती है।
दुनिया के 113 देशों में कभी कोई महिला राष्ट्राध्यक्ष या सरकार में प्रमुख पद पर नहीं रही। इतना ही नहीं 141 देशों के कैबिनेट मंत्रियों में महिलाओं की हिस्सेदारी एक तिहाई से भी कम है। यूएन वीमेन की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2022 के आंकड़ों में दुनिया की कुल आबादी में महिलाओं की हिस्सेदारी करीब-करीब आधी (49.7) है। बावजूद सत्ता के गलियारों तक उनकी सीमित पहुंच है। वैश्विक स्तर पर निर्णय लेने में महिलाओं का सीमित प्रतिनिधित्व आधी आबादी के लिए चिंताजनक है। इस दिशा में प्रगति हुई है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी महिलाएं सत्ता और कूटनीति से काफी हद तक दूर हैं। निर्णय लेने वाली शीर्ष भूमिकाओं में आज भी पुरुषों का दबदबा कायम है।
वर्तमान में केवल 26 देशों की बागडोर महिला के हाथ में
लोकतंत्र की दृष्टिकोण से 2024 इतिहास का सबसे बड़ा चुनावी वर्ष है। इसके बावजूद सत्ता में महिलाओं की हिस्सेदारी अब भी कोई खास अच्छी नहीं है। वर्तमान में केवल 26 देशों की बागडोर महिलाओं के हाथ में है। करीब एक दशक पहले यह संख्या मात्र 18 थी। एक जनवरी 2024 तक के तथ्यों के अनुसार दुनिया में केवल 23.3% मंत्री पद महिलाओं के पास हैं। सात देशों की कैबिनेट में तो कोई महिला प्रतिनिधि नहीं है।