Neet Ug Paper Leak Updates One Night Before Question Paper Distribution Know News In Hindi – Amar Ujala Hindi News Live

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नीट यूजी पेपर लीक मामले में चौंकाने वाले खुलासे
– फोटो : amar ujala graphics

विस्तार


नीट-यूजी पेपर लीक मामले में अब तक बिचौलियों, छात्रों और अभिभावकों समेत  18 की गिरफ्तार किया जा चुका है लेकिन, पुलिस को सबसे ज्यादा बेसब्री से तलाश है संजीव मुखिया की, जो फिलहाल 6 मई से गायब है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के सूत्रों के मुताबिक नालंदा कॉलेज की नूरसराय शाखा में तकनीकी सहायक संजीव मुखिया असल में मुखिया सॉल्वर गैंग व नीट-यूजी पेपर लीक का मास्टरमाइंड है। संजीव और उसका डॉक्टर बेटा जो अब जेल में है, मिलकर मुखिया सॉल्वर गैंग चलाते हैं। इससे पहले बाप-बेटे बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कांड में शामिल रहे हैं। संजीव मुखिया उसका असल नाम नहीं है। बल्कि, नाम तो संजीव सिंह है, लेकिन जबसे उसकी पत्नी ममता देवी भुतखार पंचायत की मुखिया चुनी गई, संजीव को भी मुखिया कहा जाने लगा है। ममता की सूबे की सियासत में मजबूत पकड़ है। 2020 में वह विधानसभा चुनाव लड़ चुकी है और दूसरे स्थान पर रही थी। सूत्रों के मुताबिक संजीव ने ही पेपर लीक किया और उसे रॉकी नाम के शख्स को सौंपा, जो अब भी फरार है। नालंदा कॉलेज से पहले वह सबौर कृषि महाविद्यालय में कार्यरत था, वहां भी पेपर लीक कांड में फंसने के बाद उसे नूरसराय स्थानांतरित किया गया। बाद में 2016 में उत्तराखंड पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। संजीव मुखिया ने पटना सदर के एसीजीएम 9 कोर्ट में अपने वकील के जरिये अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है। उसका दावा है कि वह निर्दोष है और उसे फंसाया जा रहा है।

इस तरह हुआ मुखिया गैंग का पर्दाफाश

5 मई को नीट-यूजी परीक्षा के दिन बिहार पुलिस को एक फोन कॉल से आया, जिसमें दावा किया गया कि नीट का पेपर लीक हो चुका है। बिहार पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि फोन पर मिली एक साधारण सी टिप से राष्ट्रीय स्तर के इतने बड़े गिरोह का पर्दाफोश होगा।

पुलिस को यह कॉल झारखंड से एक केंद्रीय एजेंसी की तरफ से किया गया था, जिसमें बिहार पुलिस को नीट-यूजी पेपर लीक करने वाले गिरोह के बारे में सचेत किया था। इसके साथ ही पुलिस को आरोपियों की कार का विवरण दिया गया। जानकारी के आधार पर बिहार पुलिस ने तुरंत कार को ट्रैक किया, जिसमें पेपर लीक गिरोह के सदस्य मिले। इसके बाद एक के बाद एक कड़ी जुड़ती गई और देशभर से कुल 13 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।

एक रात पहले देते थे पेपर और उत्तर, फिर रटवाते थे

बिचौलिए अमित आनंद ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह और उसके साथी परीक्षा से ठीक पहले रात को उम्मीदवारों को लीक हुए पेपर और उत्तर उपलब्ध कराते थे। उम्मीदवारों को रातभर प्रश्न और उत्तरों को रटने के लिए कहा जाता था। इस काम के लिए वे 30 से 40 लाख रुपये लेते थे। इसकी पुष्टि आयुष नाम के छात्र ने की, जिसे डीएवी परीक्षा केंद्र से गिरफ्तार किया गया था।

नकलरोधी कानून: मानक व मानदंड तय करने का अधिकार एनटीए को

केंद्र सरकार ने हाल में अधिसूचित किए गए नकलरोधी कानून के तहत भविष्य की कंप्यूटर आधारित परीक्षाओं के लिए दिशा-निर्देश, मानदंड और मानक तय करने का अधिकार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को दिया है। एनटीए की ओर से तैयार इन मानकों को केंद्र सरकार अधिसूचित करेगी। एनटीए जो दिशा-निर्देश तैयार करेगी उसके तहत सार्वजनिक परीक्षा केंद्रों के पंजीकरण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया, कंप्यूटर आधारित परीक्षा केंद्रों के भीतर स्थान की आवश्यकता, बैठने की व्यवस्था का लेआउट शामिल होंगे। साथ ही कंप्यूटर नोड्स के निर्देश और लेआउट, सर्वर और नेटवर्क, बुनियादी ढांचे और कंप्यूटर आधारित परीक्षा के संचालन के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के लिए निर्देश सहित अन्य विनिर्देश तैयार करने की जिम्मेदारी भी एनटीए की होगी।

एनटीए रिफॉर्म कमेटी ने मांगी परीक्षा की पूरी जानकारी

प्रवेश परीक्षाओं की प्रक्रिया को विश्वसनीय और पारदर्शी बनाने के लिए इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित सात सदस्यीय समिति एक्शन में आ गई है। समिति ने शनिवार को वर्चुअल तरीके से पहली बैठक की, जिसमें एनटीए से परीक्षा प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी मांगी गई।







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