सांकेतिक तस्वीर
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केरल के मत्स्य पालन मंत्री साजी चेरियन ने राज्य के शिक्षा मानकों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि एसएसएलसी (माध्यमिक स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र) परीक्षा पास करने वाले कई छात्रों में ठीक से लिखने या पढ़ने के कौशल की कमी है। उनका बयान सामने आने के बाद राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. सिवनकुट्टी ने इस दावे को सिरे से खारिज किया औऱ कहा कि उनकी टिप्पणी तथ्यात्मक नहीं है।
चेरियन ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि पहले न्यूनतम 210 अंक हासिल करना चुनौतीपूर्ण होता था। लेकिन अब सभी छात्र परीक्षा पास करने करने में सक्षम हैं। लेकिन उनमें से एक बड़े हिस्से को पता नहीं है कि ठीक से कैसे पढ़ना या लिखना है। उन्होंने एसएसएलसी परीक्षा के मूल्यांकन में उदारता बरतने पर चिंता जताई और कहा कि कोई परीक्षा में असफल हो गया तो इसे सरकार की विफलता के तौर पर पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सामान्य शिक्षा मंत्री सिवनकुट्टी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यह प्रथा सही नहीं है। उनसे सुधार लाने की उम्मीद है।
वहीं, सिवनकुट्टी ने रविवार को एक बयान में कहा कि केरल वह राज्य है जो देश में सबसे अच्छे तरीके से पूर्व-माध्यमिक, प्राथमिक, उच्च-प्राथमिकी, हाई स्कूल और उच्च माध्यमिक शिक्षा प्रदान करता है। उन्होंने कहा, केरल अकादमिक उत्कृष्टता से समझौता नहीं करेगा। स्कूली शिक्षा के मामले में केंद्र के विकास सूचकांकों में केरल अभी भी पहले स्थान पर है। सिवनकट्टी ने यह भी कहा कि मंत्री चेरियन द्वारा की गई टिप्पणी पर अब विवाद पैदा हो गया है।
उन्होंने कहा, अगर आप उनका पूरा भाषण सुनेंगे तो स्पष्ट है कि उन्होंने सार्वजनिक शिक्षा क्षेत्र को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए अपनी राय दी है। उन्होंने राज्य में स्कूली शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए उनके विभाग की ओर से शुरू की गईं विभिन्न पहलों को भी सूचीबद्ध किया।