Maharashtra Politics: Ajit Group Made A Big Mistake By Not Joining Modi Cabinet – Amar Ujala Hindi News Live



भाजपा ने दिया ये संदेश।
– फोटो : अमर उजाला

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नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में महाराष्ट्र की सियासत एक बार फिर सामने आ गई है। दरअसल अजीत पवार गुट की ओर से मंत्रिमंडल में शामिल न होने पर अब कहा यही जा रहा है कि उन्होंने बहुत बड़ी गलती कर दी है। हालांकि इस उठापटक के दौरान एनसीपी के नेता अजित पवार ने खुद को एनडीए के घटक दल के तौर पर बताया है। लेकिन सियासी गलियारों में अब कहा यही जा रहा है कि अजीत पवार का भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर लड़ने का कोई बड़ा फायदा दोनों दलों को नहीं हुआ। ऐसे में महाराष्ट्र के सियासी नजरिए से अजीत पवार के गुट का मोदी मंत्रिमंडल में न होना एक बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है। 

दरअसल महाराष्ट्र में बीते कुछ समय से बड़ी सियासी उठापटक मची रहती है। इसी कड़ी में अब अजीत पवार के गुट का मोदी मंत्रिमंडल में शामिल न होने को सियासत के दूसरे नजरिए से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल कहा यह जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल को स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री के तौर पर जिम्मेदारी दी जा रही थी। प्रफुल्ल पटेल का कहना था कि क्योंकि वह पहले कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। जबकि उनके पास स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री के तौर पर शपथ लेने की सूचना मिली थी। ऐसे में कैबिनेट से राज्य मंत्री बनना उनके लिए डिमोशन है। यही वजह रही कि अजीत पवार की एनसीपी की ओर से मोदी कैबिनेट में कोई नहीं दिखा।

वहीं, दूसरी ओर सियासी गलियारों में एक दूसरी थ्योरी भी चल रही है। चर्चा इस बात की हो रही है कि मोदी कैबिनेट में अजीत पवार के गुट के एक नेता को जगह मिलनी थी। लेकिन पार्टी के भीतर ही राज्यसभा के सांसद प्रफुल्ल पटेल और लोकसभा से चुनाव जीते सुनील तटकरे की दावेदारी को लेकर मामला फंस गया। सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र की रायगढ़ सीट से अजीत पवार के एनसीपी से चुनाव जीत कर दिल्ली पहुंचे सुनील तटकरे अपनी मजबूत दावेदारी मान रहे थे। हालांकि पार्टी की ओर से इस पर किसी तरीके की कोई आधिकारिक टिप्पणी तो नहीं हुई है। लेकिन सियासी जानकारों का मानना है कि अगर मोदी कबिनेट में अजीत पवार की एनसीपी की साझेदारी होती, तो महाराष्ट्र के सियासी नजरिए से यह एक सुलझा हुआ फैसला होता।

हालांकि भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि वह अपने घटक दलों का पूरा सम्मान करते हैं। उनके घटक दलों में से अगर किसी के पास एक भी सीट है, तब भी उसे सम्मानजनक तरीके से कैबिनेट में जगह दी है। अजीत पवार की एनसीपी की ओर से मोदी मंत्रिमंडल में किसी के शामिल न होने पर उनका कहना है कि यह उनकी पार्टी का अपना फैसला हो सकता है। हालांकि अजीत पवार की एनसीपी से मोदी कैबिनेट में किसी के न होने पर शरद पवार की एनसीपी ने तंज कसा है। एनसीपी नेता रोहित पवार कहते हैं कि अजीत पवार की पार्टी को कैबिनेट में जगह न देकर भाजपा ने यह संदेश दिया है कि अजित पवार से उनको महाराष्ट्र में कोई फायदा नहीं हुआ।

सियासी जानकारों का कहना है कि अजीत पवार गुट के मोदी कैबिनेट में शामिल होने का मतलब आने वाले विधानसभा चुनावों के नजरिए से एक बड़ा सियासी संदेश भरा मौका था। हालांकि मोदी कैबिनेट में न शामिल होकर यह मौका अजीत पवार के हाथ से गया तो नहीं है। लेकिन इसका सियासी संदेश क्या जाएगा यह आने वाले वक्त में तय होगा। राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार तरुण देशमुख कहते हैं कि महाराष्ट्र में अगले कुछ महीनों में न सिर्फ विधानसभा के चुनाव होने हैं, बल्कि कुछ समय बाद बीएमसी के भी चुनाव हैं। ऐसी दशा में कोई भी राजनीतिक दल किसी भी तरीके का नकारात्मक संदेश जनता के बीच में नहीं जाने देना चाहता है। लेकिन मोदी कैबिनेट में अजीत पवार के गुट का कोई सदस्य न होना महाराष्ट्र की सियासत में पार्टी के नेताओं से जबाव तो मांगेगा ही। वह भी तब, जब भारतीय जनता पार्टी ने अपने घटक दलों को एक सीट भी मिलने पर उसे कैबिनेट में जगह दी है। 







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