भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर लगातार सियासी विवाद बना हुआ है। कांग्रेस और केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन लगातार इस नियुक्ति पर सवाल खड़े कर रहे हैं। बढ़ते विरोध को देखते हुए भाजपा ने शनिवार को पलटवार किया। भगवा पार्टी ने कांग्रेस को सलाह दी कि वह अपने सांसद कोडिकुन्निल सुरेश को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाए।
दरअसल, कांग्रेस और केरल के सीएम का कहना था कि परंपरा के अनुसार, जिस सांसद ने अधिकतम कार्यकाल पूरा किया है, उसे प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाना चाहिए। 18वीं लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसद कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश हैं। इसलिए उन्हें लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाना चाहिए था। साथ ही भाजपा पर परंपराओं को तोड़ने का आरोप लगाया था।
अब बढ़ते सियासी बवाल पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को सुरेश को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाकर केंद्र के फैसले का विरोध करना चाहिए। उन्होंने मवेलीकारा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस सांसद को प्रतिभाशाली दलित समुदाय का सदस्य और केरल का सदस्य बताया, जो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का पारिवारिक घर है और कल वाड्रा का होगा।
किसी भी कीमत पर बनाएं विपक्ष का नेता
सुरेंद्रन ने फेसबुक पर एक पोस्ट कहा कि कांग्रेस में सबसे वरिष्ठ सांसद सुरेश होशियार, सबसे बढ़कर दलित समुदाय के सदस्य और केरल के सदस्य हैं। किसी भी कीमत पर सुरेश को विपक्ष का नेता बनाया जाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी के सदस्य को प्रोटेम स्पीकर नहीं बनाए जाने पर उसे अपना विरोध इसी तरह व्यक्त करना चाहिए। प्रिय मित्र कोडिकुन्निल सुरेश को अग्रिम शुभकामनाएं।
सुरेश ने यह कहा था
इससे पहले आठ बार सांसद रह चुके सुरेश ने शुक्रवार को कहा था कि सबसे वरिष्ठ लोकसभा सदस्य होने के नाते उन्हें परंपरा के अनुसार प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए था। वहीं, दक्षिणी राज्य में राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन और रमेश चेन्निथला सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का भी यही कहना था।
सुरेश ने केंद्र के फैसले की भी आलोचना करते हुए कहा था कि यह देश में संसदीय लोकतंत्र के लिए खतरा है और संकेत देता है कि भाजपा संसदीय प्रक्रियाओं को दरकिनार करना जारी रखेगी या अपने हितों के लिए उनका इस्तेमाल करेगी, जैसा कि उसने पिछले दो बार किया है।
लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर चुने गए भर्तृहरि महताब
आपको बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति कर दी है। ओडिशा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा सत्र के मद्देनजर इस पद पर नियुक्त किया गया है। महताब सात बार के सांसद हैं और अगले स्थायी स्पीकर की नियुक्ति तक वे सदन में स्पीकर की सभी जिम्मेदारियां निभाएंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत भाजपा सांसद को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है।
क्या है महताब के नाम पर विवाद?
जैसे ही संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने भृतहरि महताब के नाम का एलान किया, वैसे ही कांग्रेस ने विरोध शुरू कर दिया। कांग्रेस का कहना है कि उनकी पार्टी के आठ बार के सांसद कोडिकुनिल सुरेश सबसे वरिष्ठ सांसद हैं, ऐसे में उन्हें लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए, जबकि महताब सात बार के ही सांसद हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वरिष्ठता की अनदेखी कर भाजपा संसदीय मानदंडों को खत्म करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि परंपरा के अनुसार, जिस सांसद ने संसद में अधिकतम कार्यकाल पूरा किया है, उसे प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाना चाहिए।
कौन हैं भृतहरि महताब?
8 सितंबर 1957 को ओडिशा के भद्रक में जन्में भृतहरि महताब, ओडिशा के पहले मुख्यमंत्री डॉ. एच महताब के बेटे हैं। महताब, नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पार्टी बीजू जनता दल के संस्थापक सदस्य हैं और कभी वह नवीन पटनायक के बेहद खास हुआ करते थे। महताब छह बार बीजद के टिकट पर ही लोकसभा पहुंचे। हालांकि हालिया लोकसभा चुनाव से पहले भृतहरि महताब ने बीजद छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली थी और अब वह भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं।