केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान
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केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार को स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं को अपराधी और कठोर कहा। उन्होंने कहा कि वह कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करते हैं। उन्होंने राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए लोगों को भयभीत करने के लिए हिंसा का उपयोग करना आतंकवाद की परिभाषा बताया। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में वह सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) की छात्र शाखा एसएफआई से किसी को भी विश्वविद्यालय के किसी भी निकाय में नामित नहीं करेंगे।
राज्यपाल की टिप्पणी पत्रकारों द्वारा एसएफआई द्वारा केरल विश्वविद्यालय के सीनेट के लिए चांसलर द्वारा नामित व्यक्तियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का जिक्र करने के जवाब में आई। उन्होंने कहा, वे विरोध कर सकते हैं। मैंने उनसे पहले अपना विरोध बंद करने के लिए नहीं कहा। मैं उनसे नहीं डरता। मैं इन अपराधियों, जानवरों का सामना करने के लिए तैयार हूं, जो कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करते हैं।
छात्र संगठन द्वारा विश्वविद्यालय परिसरों में कथित हिंसा पर एक संवाददाता के सवाल पर खान ने कहा, वह इसके बारे में चिंतित थे। सभी कुलपतियों को परिसर के अंदर विश्विद्यालय के नियमों और कानूनों का उल्लंघन करने पर सख्ती से अंकुश लगाने और किसी को भी ऐसा करने की अनुमति नहीं देने के निर्देश जारी किए जाएंगे। कहा कि कुलाधिपति के रूप में उनका कर्तव्य छात्रों को यह समझाना था कि हिंसा न केवल लोकतंत्र का निषेध है, बल्कि यह सभ्य आचरण का भी निषेध है।
राज्यपाल खान ने कहा कि मेरी राय में हिंसा में लिप्त होना एक गंभीर अपराध है। आप अपने राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए लोगों को डराने की कोशिश कर रहे हैं। यही आतंकवाद की परिभाषा है। वामपंथी छात्र संगठन को न केवल कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ विपक्ष से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि सीपीआई (एम) के प्रमुख सहयोगी और इसके नेतृत्व वाले वाम मोर्चे ने भी कड़ी आलोचना की है।