सीएम सिद्धारमैया की पीएम मोदी से अपील
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस बात पर जोर दिया कि बुनियादी समझ की कमी वाले किसी व्यक्ति को वित्त मंत्रालय सौंपना ‘बेहद जोखिम भरा’ फैसला है। सिद्धारमैया ने निर्मला सीतारमण की रविवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में बोलते हुए वित्त मंत्री की आलोचना की और कहा कि वे मोदी सरकार की तरफ से कर्नाटक के साथ किए गए अन्याय को छिपाने के लिए बेताब प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि निर्मला सीतारमण के भ्रामक बयानों से आखिरकार यह पता चलता है कि केंद्र सरकार ने कर्नाटक को न्यूनतम सहायता प्रदान की है।
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10 वर्षों में बढ़ा बजट का आकार- सीएम कार्यालय
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, वित्त मंत्री सीतारमण के अनुसार, पिछली यूपीए सरकार (2004-2014) ने कर्नाटक को 60,779 करोड़ रुपये दिए थे, जबकि एनडीए सरकार (2014-2024) ने 2,36,955 करोड़ रुपये दिए। हालांकि, वे यह बताना भूल गईं कि पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार के बजट का आकार कितना बढ़ा है। क्या यह चूक अज्ञानता के कारण है या जनता को गुमराह करने का जानबूझकर किया गया प्रयास है, यह स्पष्ट किया जाना चाहिए।
‘2013-14 में कर्नाटक को बजट का 1.9% हिस्सा मिला’
उन्होंने बताया कि साल 2013-14 में केंद्र सरकार का बजट 16.06 लाख करोड़ रुपये था। उस समय कर्नाटक को अनुदान के रूप में 16,428 करोड़ रुपये और कर हिस्सेदारी के रूप में 15,005 करोड़ रुपये मिले थे, जो कुल 31,483 करोड़ रुपये थे, जो कुल बजट का 1.9 प्रतिशत था। 2024-25 में केंद्र सरकार का बजट आकार 48.02 लाख करोड़ रुपये है। इस अवधि के दौरान कर्नाटक को अनुदान के रूप में 15,229 करोड़ रुपये और कर हिस्सेदारी के रूप में 44,485 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो कुल बजट का 1.2 प्रतिशत है। यदि कर्नाटक को 2013-14 की तरह ही 1.9 प्रतिशत हिस्सा मिलता, तो राज्य को 91,580 करोड़ रुपये मिलते।