Jitan Ram Manjhi Promoting Micro-small Industries Helps To Solve Unemployment – Amar Ujala Hindi News Live



जीतन राम मांझीं
– फोटो : Amar Ujala

विस्तार


युवाओं में बेरोजगारी की समस्या से निपटना केंद्र सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। केंद्र सरकार इससे निपटने के लिए युवाओं के द्वारा नए सूक्ष्म-मध्यम या लघु उद्योगों को स्थापित करने को बढ़ावा दे सकती है। इसके लिए जुलाई माह में पेश किए जाने वाले बजट में विशेष प्रावधान किए जा सकते हैं। यूपी और बिहार जैसे पिछड़े राज्यों में बेरोजगारी दूर करने के लिए सरकार इस योजना के अंतर्गत विशेष प्रयास कर सकती है। इसके पहले भी केंद्र सरकार स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया के द्वारा इसे बढ़ावा दे रही थी। अब इसे नए तरीके से दोबारा बढ़ावा दिया जा सकता है।  

केंद्रीय मंत्री बोले- उपलब्ध कराना सरकार की पहली प्राथमिकता

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को कहा कि उनके गृह राज्य बिहार के साथ-साथ पूरे देश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की पहली प्राथमिकता है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम हमारे देश की अर्थव्यवस्था के प्राण रहे हैं। सरकार इसे बढ़ावा देकर एक बार फिर इसे विकास का इंजन बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि छोटे और मझोले उद्योग के क्षेत्र में बेहतर कार्य करके देशभर के युवाओं को रोजगार मुहैया कराना उनकी प्राथमिकता है। 

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सबसे पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए विशेष योजनाएं बनाई हैं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के जरिए दर्जनों जातियों के युवाओं को अपने पारंपरिक व्यवसाय को एक उद्योग का रूप देने का अवसर प्रदान किया गया है। सरकार इस योजना के जरिए इन युवाओं को और ज्यादा अवसर उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि यूपी-बिहार जैसे राज्यों से गरीबी दूर करनी है, तो उसे इन पारंपरिक क्षेत्रों में मजबूत बनाना होगा। 

क्या है स्थिति 

सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार, देश में वर्तमान समय में बेरोजगारी की दर 8.4 फीसदी पर पहुंच गई है। मार्च में बेरोजगारी दर 7.4 फीसदी थी, जो अप्रैल में 8.1 फीसदी तक पहुंच गई थी। अब इसमें और वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्र सरकार के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार देश का सर्विस सेक्टर निर्माण सेक्टर की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है, जबकि आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ मानते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए निर्माण और उत्पादन सेक्टर को ज्यादा अहमियत देना आवश्यक है। केंद्र सरकार इसी दिशा में काम कर रही है। 

केंद्र सरकार के आर्थिक सर्वे 2022-23 में यह बात सामने आई थी कि देश के सर्विस सेक्टर में सात से आठ फीसदी की वार्षिक बढ़ोतरी हो रही है। वित्त वर्ष 2022-23 में इसमें 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी होने का अनुमान लगाया गया था, जबकि निर्माण और उत्पादन सेक्टर में यही बढ़ोतरी नहीं देखी गई थी। अब केंद्र सरकार इस दिशा में काम कर बेरोजगारी के मोर्चे पर बेहतर काम करना चाहती है।

 







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