भारत-अमेरिका
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संयुक्त राज्य अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने एक रिपोर्ट जारी कर भारत में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर कुछ आरोप लगाए थे। इन आरोपों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था। अब भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन (आईएमएफ) ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट की कड़ी निंदा की है।
‘भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की अनदेखी’
आईएमएफ का कहना है कि यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट में भारत को अफगानिस्तान, क्यूबा, उत्तर कोरिया, रूस और चीन जैसे तानाशाही शासनों के साथ रखने की कोशिश की गई है। आगे कहा गया है कि इस तरह से भारत के लोकतांत्रिक ढांचे, नागरिक समाज और बहुलवादी इतिहास की अनदेखी की गई है। इस गलत चित्रण के माध्यम से भारत के धार्मिक स्वतंत्रता परिदृश्य की समझ को कमजोर करने की कोशिश की गई है। आपको बता दें कि अमेरिका ने इस रिपोर्ट 26 जून को जारी किया था।
ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल ने की कड़ी निंदा
भारत पर अमेरिकी विदेश विभाग की धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट पर ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा ‘हम भारत में अल्पसंख्यकों पर अमेरिका-आधारित रिपोर्ट की निंदा करते हैं। यह एक झूठी, मनगढ़ंत और आधारहीन रिपोर्ट है। भारत को बदनाम करने के लिए ऐसी खबरें प्रकाशित की जा रही हैं।’
अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट क्या है?
अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति के साथ-साथ दुनिया भर के लगभग हर देश और क्षेत्र में धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाली अमेरिकी नीतियों के बारे में जानकारी दी जाती है।