वायुसेना प्रमुख
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वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने कहा कि अब वह जमाना गया जब युद्ध लड़ाई के मैदान तक सीमित हुआ करते थे। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल चौधरी शनिवार को हैदराबाद से 43 किलोमीटर दूर डुंडीगल में वायुसेना अकादमी (एएफए) में 213 ऑफिसर्स कोर्स की संयुक्त ग्रेजुएशन परेड को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भविष्य की लड़ाइयों को अतीत की मानसिकता के साथ नहीं लड़ा जा सकता। आधुनिक युग का युद्ध गतिशील युद्ध है जो लगातार बदलता है। आज के युद्ध पर नई तकनीक असर डालती है। अधिकारी होने के नाते आप सभी को युद्ध जीतने में निर्णायक साबित होने के लिए प्रौद्योगिकी को प्रभावी ढंग से अपनाने, नवाचार करने और उसका लाभ उठाने की आवश्यकता है।
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि किसी भी अधिकारी में दक्षता, आक्रामकता और पहल करने जैसे तीन गुण होने चाहिए। साथ ही ऐसे अधिकारियों की भी वायुसेना में जरूरत है जो चीजों को लेकर सोचे भी, उनके पास नए-नए विचार भी हों। नए अधिकारियों का हौसला बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, जब आप अब वायुसेना के सफर की शुरुआत करने जा रहे हैं तो ऐसे में भारतीय वायुसेना के तीन मूल्यों को ध्यान में रखें- मिशन, समग्रता और उत्कृष्टता। इस ग्रेजुएशन परेड में सफलतापूर्वक उड़ान टेस्ट को पूरा करने वाले फ्लाइट कैडेट्स, भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों को विंग्स दिए गए।
मिशन की उपलब्धि अहम
वायुसेना प्रमुख ने कहा, हमारे लिए, पुरुष और महिला अधिकारियों, मिशन की उपलब्धि अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह किसी संगठन की दिशा, दक्षता और समग्र सफलता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। अधिकारियों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा, जितना अधिक आप पढ़ेंगे, उतना ही बेहतर आप अपने क्षेत्र की जटिलताओं को समझेंगे। एक अच्छी तरह से पढ़ा हुआ दिमाग अज्ञात का सामना करने में स्पष्टता के साथ अनुकूलन करने और नेतृत्व करने में सक्षम होता है।
दूसरे क्षेत्रों में भी कौशल निखारें
उन्होंने आगे कहा कि यद्यपि पेशेवर ज्ञान प्राप्त करना सर्वोपरि है, नव नियुक्त अधिकारियों को अन्य क्षेत्रों में भी अपने कौशल को निखारना चाहिए। भारतीय वायुसेना के ‘पीपुल फर्स्ट, मिशन आलवेज’ के विजन स्टेटमेंट का उल्लेख करते हुए चौधरी ने नव नियुक्त अधिकारियों से पेशेवर क्षमता, शारीरिक और नैतिक साहस, चरित्र और सहानुभूति के माध्यम से अपने अधीनस्थों और साथियों का सम्मान अर्जित करने का आग्रह किया।