India Gears Up To Host 46th Session Of Whc, Pm Modi May Inaugurate Key Event – Amar Ujala Hindi News Live



विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र का उद्घाटन कर सकते हैं पीएम मोदी
– फोटो : ANI

विस्तार


विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) का 46वां सत्र भारत में पहली बार 21 जुलाई 31 जुलाई के बीच नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होने वाला है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 21 जुलाई को इस कार्यक्रम का उद्घाटन कर सकते हैं। हालांकि, अभी तक इस पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।

सत्र से पहले, सरकार ने हाल ही में भारत की सांस्कृतिक विरासत और देश के यूनेस्को विरासत स्थलों पर आधारित कार्यों के साथ एक सार्वजनिक कला परियोजना शुरू की। अधिकारियों ने कहा कि प्रस्तावित 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक के अनुरूप, कुछ कलाकृतियां और मूर्तियां बिम्बेटका जैसे विश्व धरोहर स्थलों और भारत में प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थलों से प्रेरणा लेंगी और उन्हें प्रस्तावित कलाकृतियों में एक विशेष स्थान देंगी।

भारत में विश्व धरोहर स्थलों की संख्या 42

वहीं इस मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने कहा कि पिछले सितंबर में ‘होयसल के पवित्र समूह’ को प्रतिष्ठित सूची में जगह मिलने के साथ ही भारत में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है। इन स्थलों में सांस्कृतिक श्रेणी में 34, प्राकृतिक श्रेणी में सात और मिश्रित संपत्ति में एक शामिल है।

ये हैं भारत के प्रमुख विश्व धरोहर स्थल

इनमें दिल्ली में लाल किला, हुमायूं का मकबरा और कुतुब मीनार, आगरा में ताजमहल, प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर और बिहार में महाबोधि मंदिर, कर्नाटक में होयसल के पवित्र समूह और पश्चिम बंगाल में शांतिनिकेतन शामिल हैं।

दुनिया में भारत पांचवें नंबर पर

वर्तमान में, भारत में दुनिया में (यूनेस्को) स्थलों की छठी सबसे बड़ी संख्या है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने पहले दिए गए एक बयान में कहा कि जिन देशों में 42 या उससे अधिक विश्व धरोहर स्थल हैं, उनमें इटली, स्पेन, जर्मनी, चीन और फ्रांस शामिल हैं।

क्या है विश्व धरोहर समिति

विश्व धरोहर समिति विश्व धरोहर सम्मेलन के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है, विश्व धरोहर कोष के उपयोग को परिभाषित करती है और सदस्य देशों के अनुरोध पर वित्तीय सहायता जारी करती है। यह इस बात पर अंतिम फैसला लेती है कि किसी संपत्ति को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाए या नहीं। वहीं विश्व धरोहर समिति खतरे में पड़ी विश्व धरोहरों की सूची में संपत्तियों को शामिल करने या हटाने का भी फैसला लेती है।







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