मुंबई हाईकोर्ट
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शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में घाटकोपर होर्डिंग हादसे को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने मुंबई पुलिस को विज्ञापन कंपनी के मालिक भावेश भिंडे की याचिका पर हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए। आपको बता दें कि घाटकोपर होर्डिंग हादसे के बाद भावेश भिंडे को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि उन्होंने रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से होर्डिंग लगाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया था।
अदालत में भावेश भिंडे की याचिका पर सुनवाई
भावेश भिंडे ने अदालत से अपील की है कि इस मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए। उन्होंने अदालत में दावा किया होर्डिंग के गिरने की घटना एक ‘दैवीय घटना’ थी। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि याचिका पर सुनवाई होने तक उन्हें रिहा किया जाए। आपको बता दें कि भिंडे पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस को अपना पक्ष रखने की आवश्यकता- अदालत
अदालत में न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की पीठ ने कहा कि याचिका में अवैध और गैरकानूनी गिरफ्तारी का दावा किया गया है। याचिका में भावेश भिंडे ने कहा कि उन्हें गिरफ्तारी के कारणों की भी जानकारी नहीं दी गई। उच्च न्यायालय की पीठ ने इस बात पर जोर दिया है कि पुलिस को अपना पक्ष रखने की आवश्यता है। अदालत ने कहा कि पूर्व में कई अदालतों के फैसले में अवैध तरीके से गिरफ्तारी पर अनिवार्य और तत्काल रिहाई की बात कही गई है।