हाथरस में हुए हादसे की जांच जारी है, वहीं इस मामले में अभी तक कुल 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन सब के बीच भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के वकील ने इस हादसे के लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है उन्होंने इस हादसे के पीड़ितों और घायलों से मुलाकात की, जहां लोगों ने उन्हें बताया कि कार्यक्रम में कुछ लोगों ने जहरीले गैस छोड़े थे जिसकी वजह से हादसा हुआ।
वकील एपी सिंह का कहना है कि हाथरस, अलीगढ़ और एटा में घायलों से मिले और इस दौरान उन लोगों और उनके परिजनों ने बताया कि कार्यक्रम में 15-16 हट्टे-कट्टे लड़के हाफ पैंट पहने थे, बाबा के संगत में हाफ पैंट पहनकर जाने का प्रचलन नहीं है, उन्होंने अपने हाथ में पानी के थर्मस जैसे डिब्बे से स्प्रे करना शुरू किया और भागने लगे। वो तेजी से भाग रहे थे जिससे स्प्रे का असर उनपर न हो। इस वजह से मौके पर भगदड़ मची, कुछ लोग बेहोश भी हुए और जहरीली स्प्रे ने अपना असर भी छोड़ा। जिसकी वजह से दुखद घटना हुई है। ये मैं पहले से कह रहा हूं कि इस घटना के पीछे कुछ न कुछ षड्यंत्र जरूर था।
इस कार्यक्रम के लिए 80 हजार से अधिक लोगों के लिए अनुमति प्रशासन से ली गई थी। हालांकि लोगों की गिनती कार्यक्रम में नहीं की गई है। इस दौरान हमारे सेवादार सभी कार्यक्रमों की तरह पूरी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई, लेकिन इस बार ऐसी घटना असामाजिक तत्वों की साजिश की वजह से हुई। इस मामले में दर्ज एफआईआर में नामजद और हमारे आयोजक मधुकर को सरेंडर करा दिया है। इस मामले में हमने कहीं कोई अपील नहीं की है। हमारा मकसद सिर्फ जांच में शामिल होना है। क्योंकि इस हादसे में मरने वाले मधुकर के परिजन, मित्र और कमेटी के सदस्य और उनके परिजन हैं और मारने का आरोप भी उनपर ही लगाया जा रहा है। ये दुखद और बहुत ही संवेदनात्मक है।
‘आयोजक मधुकर का कराया गया आत्मसमर्पण’
अभी अंतिम संस्कार के बाद की प्रकिया जारी है, लेकिन हमने इन कठिन परिस्थिति में दिल की बीमारी से जूझ रहे मधुकर का आत्मसमर्पण कराया है और वो जांच में हिस्सा ले रहे हैं। नारायण साकार हरि ने इस पर अपना दुख व्यक्त किया है। भारत और उत्तर प्रदेश सरकार ने सहायता राशि दी है। जबकि नारायण साकार हरि ने अपने जिले की कमेटियों से आग्रह किया है कि वो मृतकों के परिजनों और घायलों के साथ खड़े रहे। मामले में भोले बाबा के वकील ने आगे कहा कि जांच चल रही है, हमें एसआईटी, उत्तर प्रदेश पुलिस और सरकार पर पूरा भरोसा है। जो भी करें, निश्चित तौर पर न्याय होना चाहिए और दोषी बख्शा नहीं जाना चाहिए और किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए।
‘हमारे ही लोग हताहत हुए और हम पर ही आरोप है’
एपी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि नारायण साकार हरि के पास न तो कोई मोबाइल, ना ही वो किसी तरह के सोशल मीडिया साइट पर जुड़े हैं। लेकिन इस मामले में हमारी प्राथमिकता थी कि किसी घायलों के इलाज में कोई कमी न आए और सभी का अंतिम संस्कार किया जाए। नारायण साकार हरि के सेवादारों ने तीन-तीन यूनिट रक्तदान किया और घायलों को जीवन देने का भरसक प्रयास किया। इस पूरे मामले में विडबंना ये है कि मरने वाले ही उनके हैं और उनके ही लोगों पर मारने का आरोप लगा है।
‘कुछ लोग बाबा के बारे में चला रहे भ्रामक खबरें’
हमारे पास 80 हजार से ज्यादा लोगों के लिए अनुमति थी, लेकिन कार्यक्रम में संख्या जरूर बढ़ गई। वहीं बात करें सेवादारों की तो सभी के काम कार्यक्रम को लेकर पहले से निर्धारित रहते हैं। इस कार्यक्रम को लेकर कोई निमंत्रण पत्र नहीं बांटा जाता है। कई सालों से कार्यक्रम होते आ रहे हैं, लेकिन पहले ऐसी घटना नहीं हुई, कोई चूक नहीं हुई, सरकार और नारायण साकार हरि भी व्यथित हैं। इस दौरान वकील एपी सिंह ने कुछ समाचार पत्र और टीवी चैनल पर आरोप लगाए कि रेटिंग प्वाइंट के लिए नारायण साकार हरि के लिए अनर्गल, अपमानजनक, भ्रामक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
हम जांच में हिस्सा ले रहे हैं- एपी सिंह
इस हादसे के हम दुखी हैं, हम मन से दुखी हैं। लेकिन हम जांच में जहां कहीं भी बुलाए जाएंगे उसमें हिस्सा लेंगे। नारायण साकार हरि का तो कोई आश्रम नहीं है। वहीं सेवादारों की तरफ से मदद न किए जाने आरोप पर एपी सिंह ने कहा कि ये सभी आरोप झूठे हैं। सेवादार अपने परिजनों को अस्पताल नहीं ले जाएगा तो किसे ले जाएगा। एफआईआर सिर्फ प्राथमिक आधार पर दर्ज किया गया है और इसीलिए तो एसआईटी और न्यायिक आयोग बनाया गया है। हम इसके लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हैं।
‘नारायण साकार हरि आयोजक मंडल नहीं हैं’
वहीं एफआईआर में नारायण साकार हरि का नाम न होने पर उन्होंने कहा कि नारायण साकार हरि आयोजक मंडल नहीं हैं। नारायण साकार हरि संस्था में ही नहीं हैं। उन्हें सिर्फ आयोजन में बुलाया गया और इस हादसे से 30 मिनट पहले चले गए थे और वो किसी भी तरीके से संस्था से नहीं जुड़े हैं। ये हादसा सिर्फ और सिर्फ असामाजिक तत्वों की तरफ से रची गई साजिश हैं। इस मामले की जांच एसआईटी कर रही हैं और हमें जांच एजेंसियों पर विश्वास हैं।