कर्नाटक के यादगिर में एक दलित सब-इंस्पेक्टर की कथित तौर पर आत्महत्या के बाद कांग्रेस विधायक चन्नारेडी तन्नूर और उनके बेटे पंपानागौड़ा तन्नूर के खिलाफ पुलिस ने शनिवार को मामला दर्ज किया। गृह विभाग के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे के तूल पकड़ने के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच सीआईडी को सौंपा दिया।
विधायक और उनके बेटे के खिलाफ शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने, आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया। सब-इंस्पेक्टर परुषाराम की पत्नी श्वेता एन.वी. की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई।
आरोप है कि पिता-पुत्र ने उनके पति से कहा था कि अगर वह उसी स्थान पर बने रहना चाहते हैं तो उन्हें 30 लाख रुपये देने होंगे। श्वेता ने कहा कि जब से उनका तबादला हुआ था तब से परुषाराम रो रहे थे। उनकी आंखों में आंसू थे। उन्होंने उनसे कहा था कि उन्हें लगता है कि उन्हें मर जाना चाहिए।
जब गर्भवती श्वेता अपने बच्चे की डिलीवरी के लिए रायचूर अपने माता-पिा के घर गई, तो उसे पता चला कि परुषाराम अस्पताल में भर्ती हैं, उनकी नाक और मुंह से खून निकल रहा है। अपने तबादले के बाद हुई पोस्टिंग के सात महीने के भीतर परुषाराम की मौत हो गई थी।
घटना के बाद दलित संघर्ष समिति के सदस्यों ने परुषाराम के लिए न्याय की मांग करते हुए सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। श्वेता भी प्रदर्शन में शामिल हुईं। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग विधायक का समर्थन कर रहा है, न कि उनके पति का।
श्वेता ने कहा, विभाग उनके पति के बजाय विधायक का समर्थन कर रहा है। यह उस व्यक्ति का समर्थन करता है, जो पैसा बर्बाद करता है। जो इसे पैसे देता है, यह उसका समर्थन करता है।
प्रदर्शन के कारण यातायात प्रभावित हुआ। घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि उन्होंने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि यह आत्महत्या का मामला है।
उन्होंने कहा, उन्होंने (परुषाराम) आत्महत्या नहीं की। उन्होंने कोई सुसाइड नोट नहीं लिखा था। उनकी पत्नी ने शिकायत की है कि वह तबादले को लेकर परेशान थे। मैं उनके आरोप पर विचार करूंगा। उस कोण से भी मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा, पुलिस प्रारंभिक जानकारी एकत्र कर रही है और जांच कर रही है।