राहुल गांधी ललन सिंह (फाइल)
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केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ललन सिंह ने राहुल गांधी के भाषण के बाद उपजे विवाद को लेकर कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और गांधी परिवार को संविधान की रक्षा के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। ललन सिंह ने कहा, आपातकाल के दौरान संविधान को ‘नष्ट’ करने वाली कांग्रेस पार्टी ने देश के कई नेताओं को जेल में डाला। उन्होंने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा, ‘मैं कांग्रेस पार्टी को संविधान विरोधी घोषित करता हूं। गांधी परिवार का नाम भारतीय इतिहास के काले अध्याय में दर्ज किया जाएगा।’
इससे पहले राहुल गांधी ने हिंदू धर्म और भगवान शिव की अभयमुद्रा का जिक्र करते हुए कहा कि भगवान शिव, गुरू नानक, ईसा मसीह, भगवान बुद्ध और भगवान महावीर ने पूरी दुनिया को अभयमुद्रा का संकेत दिया। बकौल राहुल गांधी अभयमुद्रा का अर्थ है डरो मत और डराओ मत। अपने भाषण के साथ राहुल ने लोकसभा में भगवान शिव की तस्वीर भी दिखाई। इस पर सत्ता पक्ष की तरफ से घोर आपत्ति दर्ज कराई गई। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी राहुल को तस्वीरें न दिखाने को कहा। हस्तक्षेप और टोका-टोकी से भरे अपने भाषण के दौरान कांग्रेस सासंद ने यह भी कहा कि अभयमुद्रा से पूरी दुनिया को साफ संदेश दिया गया है कि डरना और डराना मना है। उन्होंने इस्लाम का जिक्र करते हुए कहा, कुरान में भी इस बात का साफ उल्लेख है कि डराना मना है, लेकिन सत्ताधारी दल के लोग डराने के साथ-साथ हिंसा भी फैलाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और शाह ने जताई कड़ी आपत्ति
राहुल के भाषण के बीच में हस्तक्षेप कर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ये विषय बहुत गंभीर है। पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहा गया है, जो गलत है। इस पर राहुल ने कहा, ‘हिंदू का मतलब केवल भाजपा, आरएसएस और पीएम मोदी नहीं है।’ गृह मंत्री शाह ने भी राहुल से माफी मांगने की मांग की।