प्रतीकात्मक तस्वीर
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साल 2022 में मोरबी पुल ढहने, राजकोट गेम जोन में आग लगने और वडोदरा नाव त्रासदी जैसी घटनाओं को लेकर संबंधित नगर आयुक्तों को गुजरात उच्च न्यायालय की फटकार का सामना करना पड़ा है। अदालत ने कहा कि इन घटनाओं से पता चलता है कि नगर आयुक्तों की लापरवाही भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों को असुरक्षित बनाते हैं।
मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति प्रणव त्रिवेदी की खंडपीठ ने एक आदेश में राज्य सरकार को नगर निगमों के कामकाज की जांच करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि हाल की घटनाओं में संबंधित नगर आयुक्तों की ओर से दायित्वों की लापरवाही दिखाई देती है।
उच्च न्यायालय की ओर से यह आदेश राजकोट टीआरपी गेम जोन में लगी आग को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आया। मई के आखिर में टीआरपी गेम जोन में लगी आग में 27 लोगों की मौत हो गई थी। 13 जून का आदेश रविवार को उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया था।