ममता बनर्जी
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पश्चिम बंगाल विधानसभा ने गुरुवार को आईपीसी और सीआरपीसी की जगह देश में लागू किए गए नए कानूनों को लेकर केंद्र सरकार से समीक्षा की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया।
वहीं विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने प्रस्ताव की आलोचना की है। भाजपा ने प्रस्ताव को लेकर कहा है कि यह सदन के समय की बर्बादी है, क्योंकि नए कानून पहले से ही लागू हो चुके हैं। साथ ही टीएमसी सदस्यों के उन दावों को खारिज कर दिया कि नए कानून “कठोर और जनविरोधी” थे।
दो दिन चर्चा के बाद पारित किया प्रस्ताव
राज्य के कानून मंत्री मलय घटक और अन्य तृणमूल कांग्रेस सदस्यों द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर दो दिवसीय चर्चा के बाद इसे सदन ने ध्वनि मत से पारित कर दिया।
प्रस्ताव में केंद्र से पश्चिम बंगाल सरकार के माध्यम से नए कानूनों की समीक्षा करने का आग्रह किया गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि सुशासन के हित में न्यायविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों के बीच सर्वसम्मति के विचार विकसित किए जा सकें और मौलिक अधिकारों और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की रक्षा की जा सके।