असम के 13 मेडिकल कॉलेजों में नवजात शिशुओं को एक साथ जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड जारी होंगे। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार इसके लिए एक पायलट परियोजना शुरू करेगी।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ”नवजात शिशु को उसके जन्म के कुछ दिनों के अंदर आधार कार्ड जारी करने के लिए मेडिकल कॉलेजों में एक केंद्र स्थापित किया जाएगा।
शुरू में इसे मेडिकल कॉलेजों में लॉन्च किया जाएगा, इसके बाद यह परियोजना जिला अस्पतालों तक विस्तारित होगी, जिसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों को जन्म के तुरंत बाद दोनों दस्तावेज मिल जाएं और बाद में इसके लिए माता-पिता को लाइन ना लगानी पड़े।’’
सरमा ने अन्य योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि जिसमें गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) की श्रेणी में आने वाले युवाओं को छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए 2 लाख रुपये प्रदान करने की भी योजना शामिल है।
पहले चरण के लिए जिला स्तर पर 16 अगस्त से 5 सितंबर तक साक्षात्कार होंगे, जिसमें चयन के बाद 30 सितंबर तक धनराशि वितरित की जाएगी। इस चरण में 30 हजार युवाओं को 2-2 लाख रुपये मिलेंगे और दूसरे चरण में 70,000 युवाओं को धनराशि मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि 3 लाख छात्राओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली मुख्यमंत्री निजुत मोइना योजना के लिए 7 अगस्त से आवेदन शुरू होंगे। ओरुनोडोई 3.0 योजना सितंबर से 20 लाख नए लाभार्थियों को जोड़ेगी। इस तरह राशन कार्ड और आधार कार्ड धारकों की कुल संख्या 47 लाख पहुंच जाएगी।
20 नवंबर को एक ‘झुमुर’ नृत्य कार्यक्रम
सीएम ने बताया कि जिला आयुक्तों को धान, सरसों और मक्का खरीद लक्ष्य बढ़ाने का काम सौंपा गया है और अमृत बृक्ष के दूसरे संस्करण में 20 अगस्त तक तीन करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। 20 नवंबर को एक ‘झुमुर’ नृत्य कार्यक्रम होगा जिसमें राज्य के 8,000 नर्तक शामिल होंगे। सीएम ने कहा कि नृत्य शैली को लोकप्रिय बनाने के लिए उद्यान आयोजित किए जाएंगे।