Air Pollution Cause 33 Thousand Deaths Every Year In India Ten Cities Claim Lancet Study – Amar Ujala Hindi News Live



वायु प्रदूषण
– फोटो : अमर उजाला

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देश में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, लेकिन अब एक ताजा अध्ययन में जो पता चला है, उससे हम सभी का चिंतित होना स्वभाविक है। दरअसल इस अध्ययन में दावा किया गया है कि देश के 10 शहरों में हर साल 33 हजार लोगों की मौत वायु प्रदूषण के चलते हो रही है। यह अध्ययन लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में छपा है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में साफ हवा के मानक, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साफ हवा के मानकों से पहले ही ज्यादा हैं, लेकिन कई शहरों में तय मानकों से भी कई गुना ज्यादा प्रदूषण एक बड़ी समस्या बना हुआ है। इसके चलते लोग कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।  

इन दस शहरों में वायु प्रदूषण बड़ा खतरा

रिपोर्ट के अनुसार, देश के 10 शहरों- अहमदाबाद, बंगलूरू, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी में साल 2008 से 2019 के बीच अध्ययन किया, इन शहरों में वायु प्रदूषण से 33 हजार मौतें हुई हैं। अध्ययन में पाया गया कि वर्तमान भारतीय वायु गुणवत्ता मानकों से नीचे वायु प्रदूषण के स्तर से भी देश में दैनिक मृत्यु दर में वृद्धि होती है। “देश के 10 शहरों – अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी में, प्रति वर्ष लगभग 33,000 मौतें वायु प्रदूषण के स्तर के कारण होती हैं, जो डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों से अधिक है।

राजधानी दिल्ली में हर साल हो रहीं 12 हजार मौतें

मुंबई, बंगलूरू, कोलकाता और चेन्नई में बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं, लेकिन राजधानी दिल्ली में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में वायु प्रदूषण से जनित बीमारियों से हर साल 12 हजार लोगों की मौत हुई है, जो देश में हुई कुल मौतों का 11.5 प्रतिशत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों को कठोर करने की जरूरत है और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयास दोगुने करने की जरूरत है। 

शिमला में भी वायु प्रदूषण का खतरा

दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा मौतें वाराणसी में हुई हैं, जहां हर साल 830 लोगों की जान गई है, जो कि कुल मौतों की संख्या का 10.2 प्रतिशत है। वहीं बंगलूरू में 2,100, चेन्नई में 2900, कोलकाता में 4700 और मुंबई में करीब 5100 लोगों की मौत हर साल वायु प्रदूषण के चलते हुई है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सबसे कम वायु प्रदूषण पाया गया है। हालांकि अभी भी पहाड़ी शहर में वायु प्रदूषण का स्तर एक जोखिम बना हुआ है। शिमला में हर साल 59 मौतें हुई हैं, जो कुल मौतों का 3.7 प्रतिशत है। यह रिपोर्ट सस्टेनेबल फ्यूचर्स कोलैबोरेटिव, अशोका यूनिवर्सिटी, सेंटर फॉर क्रोनिक डिजीज कंट्रोल, स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट, हार्वर्ड और बोस्टन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने तैयार की है। 

 







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