सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : एएनआई
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भारत के अधिकांश हिस्से इन दिनों भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। इस बीच गुरुवार को एक सर्वेक्षण जारी किया गया। इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि 77 फीसदी भारतीय चाहते हैं कि जलवायु परिवर्तन को लेकर कदम उठाए जाएं। वहीं, 33 फीसदी लोगों ने हाल ही में चरम मौसम की घटनाओं का अनुभव किया है।
दरअसल, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और जियोपोल के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने ‘पीपुल्स क्लाइमेट वोट-2024’ सर्वेक्षण आयोजित किया। इस सर्वेक्षण में 77 देशों के 75 हजार से ज्यादा लोगों की प्रतिक्रियाएं ली गईं। इन लोगों ने दुनिया की आबादी का 87 फीसदी का प्रतिनिधित्व किया।
सर्वेक्षण से दुनिया के सबसे बड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जक देशों में जलवायु उपायों के लिए मजबूत समर्थन का पता चलता है। अमेरिका और रूस में 66 फीसदी, जर्मनी में 67 फीसदी, चीन में 73 फीसदी, दक्षिण अफ्रीका और भारत में 77 फीसदी, ब्राजील में 85 फीदी, ईरान में 88 फीसदी और इटली में 93 फीसदी लोगों ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ उपायों की मांग की।
वहीं, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने जलवायु प्रतिबद्धताओं के लिए अधिक समर्थन दिखाया। सर्वेक्षण से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन की चिंता व्यापक स्तर पर है। 56 फीसदी लोग नियमित रूप से जलवायु परिवर्तन के बारे में सोचते हैं। पिछले साल 53 फीसदी लोग इसके बारे में चिंतित थे। यह चिंता खासतौर पर कम विकसित देशों और छोटे द्वीप विकासशील देशों में अधिक है। विश्व स्तर पर जलवायु परिवर्तन 69 फीसदी लोगों के जीवन के प्रमुख फैसलों को प्रभावित करता है, खासतौर पर कम विकसित देशों में।